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मोटा अनाज अपनाओ जीवन निरोग बनाओ Adopt coarse grains, make life healthy

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मोटा अनाज अपनाओ जीवन निरोग बनाओ आपकी अपनी संस्था जल बचाओ, पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ समिति श्रीमाधोपुर, सीकर (राजस्थान) ने एक नवीन अभियान का शुभारंभ किया है। जिसमें 13 प्रकार के मोटे अनाजों के उपयोग से मनुष्य के स्वस्थ रहने के फायदे बताए गए हैं जो निम्न प्रकार हैं। 1. हरयो-हरयो मूंग, आंख्या री हरियाली बढ़ावै। पेट री एसिडिटी नै दूर करै, देह ‘रा’ रोगां सूं मुगती दिरावै।। 2. ज्वार री रोटी, डील रौ वज़न घटावै। रगत शर्करा नै राखै कब्जा मांय, कैंसर पर रोक लगावै। 3. मक्की री रोटी एनीमिया सूं छुटकारौ दिरावै। रगत मांय कोलेस्ट्राल नै घटा ’र’ हिरदा रा रोगां सूं मुगती दरावै।। 4. जौ री रोटी पेट साफ करै जड़ सूं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावै दिल सूं। 5. ज रौ अरोगैय टेमसर, वैद्यजी सूं राखै दूर। कार्बोहाइड्रेट अर प्रोटीन मिळै, बीमारियां सूं राखै कोसां दूर। 6. चणा री रोटी पोषक तत्वां सूं भरपूर। ज्यासूं मिळै फाइबर, प्रोटीन, आयरन अर विटामिन सी भरपूर। 7. कंगनी री रोटी आयरन फास्फोरस अर डाइटरी फाइबर सूं भरपूर। दुबळा पतळा मिनखां नै देवे इंस्टेंट एनर्जी भरपूर। 8. सोयाबीन जिम्यां सूं पावै सोडियम, पोटेशियम, आयरन प्रोटीन जिण सूं

Freedom Fighter Harshayji Jeff Nayabas Neemkathana

लेखक ताराचन्द चीता के ब्लोग में आपका स्वागत है! एक ऐसी दुनिया में कदम रखें जहां शब्द जीवंत हों, विचार फले-फूले और कहानियां सामने आएं। यह एक ऐसी जगह है जहां जुनून साझा किया जाता है, ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता है और कनेक्शन बनाए जाते हैं। चाहे आप एक अनुभवी पाठक हों या जिज्ञासु घुमक्कड़, यह ब्लॉग आपकी कल्पना को प्रेरित करने, सूचित करने और प्रज्वलित करने के लिए है। विचार के क्षेत्र के माध्यम से एक यात्रा पर मेरे साथ जुड़ें, क्योंकि हम यात्रा और रोमांच से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार तक, साहित्य और कला से लेकर कल्याण और आत्म-खोज तक विविध विषयों की खोज करते हैं। यहां, आपको देखभाल के साथ बुने गए शब्दों का एक टेपेस्ट्री मिलेगा, जो अंतर्दृष्टि, दृष्टिकोण और नए विचारों की पेशकश करेगा जो आपके जीवन को समृद्ध करेगा। एक भावुक ब्लॉगर के रूप में, मैं कहानी कहने की शक्ति में विश्वास करता हूँ। प्रत्येक पोस्ट आपको नई दुनिया में ले जाने के लिए, चिंतन को उत्तेजित करने के लिए, और सार्थक बातचीत को चिंगारी देने के लिए सावधानी से तैयार की गई है। साथ मिलकर, हम एक गहरे अनुभव की शुरुआत करेंगे, जहां आपके विचार

Freedom Fighter Of Rajasthan Kalidas Swami कालिदास स्वामी का जीवन परिचय

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लेखक ताराचन्द चीता के ब्लोग में आपका स्वागत है! एक ऐसी दुनिया में कदम रखें जहां शब्द जीवंत हों, विचार फले-फूले और कहानियां सामने आएं। यह एक ऐसी जगह है जहां जुनून साझा किया जाता है, ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता है और कनेक्शन बनाए जाते हैं। चाहे आप एक अनुभवी पाठक हों या जिज्ञासु घुमक्कड़, यह ब्लॉग आपकी कल्पना को प्रेरित करने, सूचित करने और प्रज्वलित करने के लिए है। विचार के क्षेत्र के माध्यम से एक यात्रा पर मेरे साथ जुड़ें, क्योंकि हम यात्रा और रोमांच से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार तक, साहित्य और कला से लेकर कल्याण और आत्म-खोज तक विविध विषयों की खोज करते हैं। यहां, आपको देखभाल के साथ बुने गए शब्दों का एक टेपेस्ट्री मिलेगा, जो अंतर्दृष्टि, दृष्टिकोण और नए विचारों की पेशकश करेगा जो आपके जीवन को समृद्ध करेगा। एक भावुक ब्लॉगर के रूप में, मैं कहानी कहने की शक्ति में विश्वास करता हूँ। प्रत्येक पोस्ट आपको नई दुनिया में ले जाने के लिए, चिंतन को उत्तेजित करने के लिए, और सार्थक बातचीत को चिंगारी देने के लिए सावधानी से तैयार की गई है। साथ मिलकर, हम एक गहरे अनुभव की शुरुआत करेंगे, जहां आपके विचार

Freedom Fighter Birda Singh Lala's Bara Jahajpur Chapter - 3

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 अंक 851  स्वतंत्रता सेनानी बिरदा सिंह लाला का बाड़ा जहाजपुर श्री फूमसिंह सन् 1951 से सन् 1988 तक मीणा रेजिमेंट देवली की ओर से भारतीय सेना में देश की आजादी के उपरांत अपनी सेवाएं दी तथा भारत और चीन के बीच में लड़े गए सन् 1962 और 1965 के युद्ध में अपनी वीरता का कौशल दिखाया तथा कई अवार्ड प्राप्त किए। इनके सेवा के दौरान ही सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया। जिसमें इन्होंने बढ़-चढ़कर अपना सैनिक कौशल दिखाया जिसमें हमारे देश ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की।  परिवार का लगातार सेना के प्रति रुख होने के कारण फूम सिंह के दो लड़के श्री लक्ष्मण सिंह ने सन् 1982 में भर्ती होकर सन् 1999 तक भारतीय सेना में रहे तथा ऑपरेशन पवन श्रीलंका जो सन् 1989 से चला आ रहा था ।इस ऑपरेशन पवन में आपने अपनी सेवाएं भारतीय सेना की ओर से प्रदान की। छोटे भाई रामवतार भी भारतीय सेना में भर्ती होकर देश के प्रति सेवा करने का जज्बा जगा। श्री रामवतार ने सन् 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच में लड़ा गया कारगिल युद्ध की लड़ाई में भाग लिया और भारत की जीत में भागीदार बने। इसी तरह सेना की इनकी ललक आगे से आगे बढ़ती ग

Freedom Fighter Birda Singh Lala's Bara Jahajpur Chapter - 2

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अंक 850  भाग-2 स्वतंत्रता सेनानी बिरदा सिंह सूबेदार लाला का बाड़ा जहाजपुर भीलवाड़ा प्रथम विश्व युद्ध में महत्ती भूमिका प्रथम विश्व युद्ध  यूरोप में होने वाला यह एक वैश्विक युद्ध था जो 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था।इस युद्ध में 30 अधिक देश शामिल हुए थे, जिसमें सर्बिया, ब्रिटेन, जापान, रूस, फ्रांस, इटली और अमेरिका समेत करीब 17 मित्र देश थे तथा दूसरी ओर जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया और ओटोमन जैसे राज्य थे यह युद्ध यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप में लड़ा गया।इस पहले विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन की तरफ से लाखों भारतीय सैनिकों ने जंग में हिस्सा लिया था. कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन के मुताबिक अविभाजित भारत से 11 लाख सैनिक प्रथम विश्व युद्ध में शरीक हुए थे. इस अविभाजित भारत में आज का भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और बर्मा शामिल थे इस युद्ध में ब्रिटिश सरकार की सेना में बिरदा सिंह जो सन् 1899 में ब्रिटिश सरकार की सेना के अधिकृत देवली रेजिमेंट के सैनिक थे तथा रियासत कालीन जागीरदारों द्वारा ब्रिटिश सेना का सहयोग करने के लिए बिरदासिंह  अपने नजदीकी रिश्ते

Freedom Fighter Birda Singh Lala's Bara Jahajpur Bhilwara Chapter - 1

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स्वतंत्रता सेनानी बिरदा सिंह  सूबेदार लाला का बाड़ा  जहाजपुर भीलवाड़ा   सम्माननीय विद्वान पाठको आपको बड़े ही हर्ष के साथ मेरा नमन कि पिछले कई वर्षों से मैं आपके साथ जुड़ा हुआ हूं।  हमारी टीम के साथ में मिलकर उनका आदिवासी ग्रंथ तैयार किया तथा आदिवासी ग्रंथ भाग 2 और आदिवासी ग्रंथ भाग 3  प्रकाशित करवा कर अब आपके बीच में हैं। संपूर्ण राजस्थान ही नहीं भारतवर्ष से हमारे द्वारा प्रकाशित अंको को बहुत ही तवज्जो दी गई तथा आदिवासी समाज के साथ-साथ सर्व समाज के लोगों ने भी इनको पढ़कर इस भारत देश के रोचक पूर्ण विलुप्त इतिहास की जानकारी को पढ़कर अपने आप पर गौरवान्वित महसूस किया तथा संपूर्ण टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया। मैं और मेरे दल के सभी सदस्य सभी पाठकों  के बहुत बहुत आभारी हैं। अब आपके लिए हमारी टीम के माध्यम से आदिवासी ग्रंथ भाग 4 में प्रकाशित होने वाली रोचक पूर्ण जानकारी प्रतिदिन लेकर आ रहे हैं ।आप हमारे अंक को पढ़े बिना रह गए तो एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी से आप दूर हट गए ।इसलिए साथियों हमारा अंक ज्यों ही प्रकाशित होता है उसको आप स्वयं पढ़िए तथा दूसरों को पढ़ाइए। हमारा दल समरसता की भावना से इतिह

LOK Devta : Saint Shri MalDev Ji, Magatji, Malkanwarji Maharaj : Cheptar - 7

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लेखक ताराचन्द चीता के ब्लोग में आपका स्वागत है!   एक ऐसी दुनिया में कदम रखें जहां शब्द जीवंत हों ,  विचार फले-फूले और कहानियां सामने आएं। यह एक ऐसी जगह है जहां जुनून साझा किया जाता है ,  ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाता है और कनेक्शन बनाए जाते हैं। चाहे आप एक अनुभवी पाठक हों या जिज्ञासु घुमक्कड़ ,  यह ब्लॉग आपकी कल्पना को प्रेरित करने ,  सूचित करने और प्रज्वलित करने के लिए है।  विचार के क्षेत्र के माध्यम से एक यात्रा पर मेरे साथ जुड़ें ,  क्योंकि हम यात्रा और रोमांच से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार तक ,  साहित्य और कला से लेकर कल्याण और आत्म-खोज तक विविध विषयों की खोज करते हैं। यहां ,  आपको देखभाल के साथ बुने गए शब्दों का एक टेपेस्ट्री मिलेगा ,  जो अंतर्दृष्टि ,  दृष्टिकोण और नए विचारों की पेशकश करेगा जो आपके जीवन को समृद्ध करेगा।   एक भावुक ब्लॉगर के रूप में ,  मैं कहानी कहने की शक्ति में विश्वास करता हूँ। प्रत्येक पोस्ट आपको नई दुनिया में ले जाने के लिए ,  चिंतन को उत्तेजित करने के लिए ,  और सार्थक बातचीत को चिंगारी देने के लिए सावधानी से तैयार की गई है। साथ मिलकर ,  हम एक गहरे अनुभव की